मक्का फसल में फॉल आर्मीवर्म कीट के हमले का खतरा बढ़ा, जानिए रोकथाम के उपाय
मक्का फसल नहीं होने पर यह कीट अन्य फसलों को भी नुकसान पहुंचा सकता है. इसलिए किसानों को इसकी रोकथाम के लिए तुरंत उपाय कर लेना चाहिए.
(Image- Freepik)
(Image- Freepik)
मक्का की खेती करने वाले किसानों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण खबर है. बिहार के कुछ जिलों में मक्का फसल में फॉल आर्मीवर्म कीट के लिए मक्का सबसे रूचिकर फसल है. मक्का फसल नहीं होने पर यह कीट अन्य फसलों को भी नुकसान पहुंचा सकता है. इसलिए किसानों को इसकी रोकथाम के लिए तुरंत उपाय कर लेना चाहिए.
फॉल आर्मीवर्म कीट की पहचान
फॉल आर्मीवर्म कीट के लार्वा हरे, जैतून, हल्के गुलाबी या भूरे रंगों में दिखाई देती हैं और प्रत्येक उदर खंड में चार काले धब्बों और पीठ के नीचे तीन पैटर्न और उदर खंड में नौ ट्रेपेजाइड साइज में व्यवस्थित होते हैं. सिर पर आंखों के बीच में अंग्रेजी भाषा के उल्टा Y साइज की एक सफेद रंग की संरचना बनी होती है.
ये भी पढ़ें- सजावटी फूलों की खेती लाएगी खुशहाली, सरकार दे रही ₹75 हजार
नियंत्रण के उपाय
TRENDING NOW
Maharashtra Winners List: महाराष्ट्र की 288 सीटों पर कौन जीता, कौन हारा- देखें सभी सीटों का पूरा हाल
मजबूती तो छोड़ो ये कार किसी लिहाज से भी नहीं है Safe! बड़ों से लेकर बच्चे तक नहीं है सुरक्षित, मिली 0 रेटिंग
Retirement Planning: रट लीजिए ये जादुई फॉर्मूला, जवानी से भी मस्त कटेगा बुढ़ापा, हर महीने खाते में आएंगे ₹2.5 लाख
Maharashtra Election 2024: Mahayuti की जीत के क्या है मायने? किन शेयरों पर लगाएं दांव, मार्केट गुरु अनिल सिंघवी ने बताया टारगेट
फॉल आर्मीवर्म कीट के वयस्क पतंगे एक दिन में लगभग 100 किलोमीटर से भी ज्यादा उड़ सकते हैं. फॉल आर्मीवर्म कीट नियंत्रण के लिए प्रति हेक्टेयर 100 फेरोमोन फंदा का इस्तेमाल करें. फॉल आर्मीवर्म कीट की पहचान और लार्वा की तीसरी और चौथी इंस्टार के द्वारा नुकसान होने पर नियंत्रण के लिए इन रासायनिक कीटनाशकों के छिड़काव की जरूरत होती है.
- स्पिनेटोरम 11.7% एस.सी को 0.5 मिली प्रति लीटर पानी में मिलाएं.
- क्लोरेंट्रोनिलिप्रोएल 18.5 एस.सी को 0.4 मिली प्रति लीटर पानी में घोलें.
- थियोमेथोक्साम 12.6%+लैम्बडा साइहैलोथ्रीन 9.5% जेड सी को 0.25 मिली प्रति लीटर पानी में मिलाएं.
- इमामेक्टिन बेंजोए 5% एस.जी 0.40 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाएं.
ये भी पढ़ें- इन तीन राज्यों में होगी अफीम पोस्त की खेती, सरकार ने लाइसेंसिंग पॉलिसी का किया ऐलान, जानिए पूरी डीटेल
पांचवें और छठे इंस्टार लार्वा बड़े पैमाने पर पत्तियों को खाकर नष्ट करते हैं और बड़ी मात्रा में मल पदार्थ का उत्सर्जन करते हैं. इस स्तर पर केवल विशेष चारा (फंसाने के लिए जहरीला पदार्थ चुग्गा) ही एक प्रभावी उपाय है. इसके लिए 2-3 लीटर पानी में 10 किलोग्राम चावल की भूसी और 2 किलोग्राम गुड़ मिलाएं और मिश्रम को 24 घंटे तक के लिए रखें.
खेतों में इस्तेमाल करने से ठीक आधे घंटे पहले 100 ग्राम थार्योडिकार्ब 75% WP मिलाएं और 0.5-1 सेमी आकार की गोलियां तैयार करें. इस तरह तैयार किए गए विशेष जहरील पदार्थ चुग्गा को शाम के समय पौधे की गम्भा (Whorl) में डालना चाहिए. यह मिश्रण एक एकड़ क्षेत्र के लिए पर्याप्त होता है.
ये भी पढ़ें- सरकार ने किसानों को दिया तोहफा, अब झींगा फसल का भी होगा बीमा, शुरू हुई नई स्कीम
04:13 PM IST